एक रोज संता टैक्सी मे सो रहा था . एक जापानी व्यक्ति ने उसे एअरपोर्ट चलने के लिए कहा. रस्ते भर उस आदमी ने जापान की तारीफ करता रहा. एक होंडा ने उनकी टैक्सी को ओवेर्टेक किया तो जापानी खुसी से बोला “होण्डा‚ वेरी फास्ट! मेड इन जापान!” संता को गुस्सा आ रहा था. थोडी देर बाद एक ‘टोयोटा’ बगल से गुजारी तो फिर से वो बोला “टोयोटा‚ वेरी फास्ट! मेड इन जापान!” अब संता को और गुस्सा आया ,लेकिन वो शांत रहा . एअरपोर्ट पहुचाने पर जापानी ने किराया पूछा . संता बोला १८० रुपये . जापानी ने चओंकते हुए पूछा ” इतना कैसे ?” अब संता को बोलने का मोका मीला” मीटर, वैरी फास्ट!मेड इन इंडिया.”
संता जी पांचवी मंजिल पर रहते थे …सुबह दफ्तर जाने लगे तों जल्दी में घडी,ऐनक और रुमाल भूल गए.
नीचे से पत्नी को आवाज दी.
पत्नी ने घडी फेंकी तों हाथ से छूटकर टूट गयी -”धत तेरी की,३५० रूपये का नुकसान हो गया!”
पत्नी-”अच्छा ऐनक फेकती हूँ !”
ऐनक भी हाथ से छूटकर टूट गयी !
पति-”अब रुमाल भी तोडोगी क्या,तुम रहने दो…….. में ऊपर आकर ले लेता हूँ !”
संता (भिखारी): साहब १ रुपया दे दो
साहब: आज नहीं, कल आना
संता: साला ये कल कल के चक्कर में मेरा लाखों रूपया इस कालोनी में फस गया है
संता दूकानदार से: भाईसाब भारत का झंडा देना
दूकानदार एक झंडा निकाल कर देता है
संता: अरे इसमे और कलर दिखाओ
संता अपने बेटे से: इतने कम मार्क्स, दो थप्पड़ लगाने चाहिए
बेटा: हाँ पापा, चलो, मैंने मास्टर जी का घर भी देखा है
लेडी डॉक्टर संता से: तुम रोज सुबह मेरे क्लीनिक के सामने औरतों को क्यूँ घूरते हो
संता: जी आपने ही बहार लिखा है औरतों को देखने का समय 9am से 11am
संता बंता से (टी वी पर फुटबॉल मैच देखते हुए ) : साला ये सब लोग गेंद को लात क्यूँ मार रहे हैं
बंता: गोल करने के लिए
संता: अरे गेंद तो पहले से ही गोल है और कितना गोल करेंगे